माँ

      आज यहाँपे में जिसकेबारे में लिखने वाली हु उसे पढ़ कर शायद ही कोय होगा जिसके चहरे पे एक प्यारी मुस्कान न आये.
      अभी अभी valantine week गय। । हमारे लिए तो valantine week मतलब प्यार का मौसम। ये हमारा सबसे बड़ा प्लस पॉइंट हे चाहे कोय भी त्यौहार हो या दिन हम सबको बड़े उत्साह से celibret करते हे। फिर चाहे वह दिवाली हो या होली, या valantine's day हो या teancher' s day या तो कोय भी दिन लेलो हमे तो सिर्फ ख़ुशी बटोर ने का मौका चाहिए।
      ना...ना...ना... में valantine days के बारे में कुछ लिखने वाली नहीं हु।
     आज में बात करने वाली हु उस दिन के बारे में जिसके सामने दूसरे सारे दिन बिलकुल फीके पड जाते हे और वह हे
                  "mother's day"
Touch Wood This is one of my the favourite days.
       लेकिन में बस यही सोचती हु की सच में सिर्फ एक ही दिन का celebration काफी हे हमारी माँ के प्यार और समर्पण के सामने?
      सच बताऊ शायद हम पूरे साल के 365 days भी mother's day celibret करेंगे ना तो भी वह उसके प्यार के सामने कम पड जायेंगे ।

                               "माँ"

        दुनिया का सबसे प्यारा शब्द, सबसे ख़ूबसूरत रिश्ता जिसमें ना तो कोई इरशा हे, ना जलन, ना कोय असुरक्षा, बस हे तो सिर्फ और सिर्फ ढेर सारा प्यार। जिसमे किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं बस हे तो फुल्लो की पंखुड़ी की कोमलता, बहते पानी की निर्मलता, जिसका प्यार बिलकुल ये बहती हवा-सा हे जिसे आप छू तो नहीं सकते लेकिन हर वक़्त अपने आस पास महसूस कर सकते हे ।
         कितना कुछ लिखा गया हे माँ के लिए पर पता नहीं जितना भी लिखो कम ही पढ़ता हे।
        पता नहीं "माँ" शब्द ही ऐसा है कि ये बोलते या सुनते ही चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है। फिर कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप 5 साल के हे 15 साल के हे या फिर 55 साल के।
        कभी-कभी मैं सोचती हूँ कि भगवान ने माँ को ऐसा क्यों बनाया हे? कभी भी कोई सिकायत नहीं बस बेइंतहा प्यार, कभी-कभी हम सिर्फ हमारी 9 से 7 की नौकरी से थक जाते हैं कि हमारी जिंदगी कैसी हो गई हे, लेकिन सुबह 6 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक काम करने वाली मेरी माँ को कभी मैंने शिकायत करते नहीं सुना। चाहे कितनी भी थक गई हो अगर रात के 12 बजे भी आप उनको चाय के लिए बोलेंगे तो वह मना नहीं करेंगी।
        आज की इस भाग दौड़ वाले समय में हमारा स्वभाव इतना ख़राब हो गया हे की हम कभी भी किसी भी चीज का गुस्सा ज्यादा तर अपने करीबी लोगों पर ही उतार देते ते हैं और उसमे सबसे ज्यादा बारी जिसकी आती वह हे हमारी माँ लेकिन वह कभी भी हमें पलट के जवाब नहीं देती हम हमारा बहार का पूरा फ्रस्टेशन पूरा गुस्सा उस पर निकाल देते हैं लेकिन फिर भी वह मुस्कुराते हुए हमारे सर पर हाथ फेर कर सिर्फ इतना ही पूछती हैं कि आज तुम्हारे लिए खाने में क्या बनाउ? पता नहीं उसको कैसे पता चल जाता हे किस वक़्त हमे किस चीज की जरुरत हे।
       हमारे जूतों के नाप से लेकर हमारे चश्मे का नंबर भी हमारी माँ को पता होता हे लेकिन शायद ही हम में से किसी को उसकी पसंद का खाना भी याद होग।
      सच में जब मैं ये लिख रही हूँ मेरी आंखो में एक नमी सी आ गई है, मुझे वह सारे पल याद आ रहे है, जब मैंने अपनी माँ से उस लहजे में बात की थी। आज मैं खुद वह पर खड़ी हूँ जहाँ मैं खुद एक बच्चे की माँ हूँ और जब मेरा सिर्फ वह 4 साल का बच्चा मेरे साथ अपनी मासूमियत में भी बतमीज़ी से बात करता है तो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ।आज भी मुझे उस वक्त पर बहुत गुस्सा आता है जब मैंने मेरी माँ से ऐसे बात की थी।
       लेकिन वह कहते हैं ना "अब पछताए क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।"
      ऐसा कहा जाता हे की चाहे कितनी भी ख़ूबसूरत जगह पर घूम लो लेकिन जो आराम खुद के घर पर आता वह कहीं नहीं, ऐसे ही चाहे कितने भी महेंगे बिस्तर पर सो लो लेकिन जो सुकुन माँ की गोद में आता है वह कहीं नहीं। चाहे ज़िन्दगी में कितनी भी परेशानियाँ आये एक दिन सब साथ छोड़ देते हे लेकिन माँ एक ऐसी सख्सियत हे जो ना ही तो खुद हारेंगी और ना आपको हार ने देगी। हर मुसीबत में हर परेशानी में आपके साथ आपकी ढाल बनकर खड़ी होंगी।
       वो हमसे कभी कोई उम्मीद नहीं रखती बस उसका तो एक ही ख्वाब होता है कि मेरा बच्चा खुश रहे।
       अगर ईश्वर ने परिवार के प्यार को नाप ने के लिए तराजू बनाया होता तो उसमें माँ का तराजू सबके हिसाब में ऊपर होता क्योंकि उसने हमेंशा सब कुछ दिया ही हे कभी कुछ मांगा नहीं।
       पता हे क्या, मुझे ज्यादा कुछा नहीं कहना क्योकि यहाँ पर मेने जितना भी लिखा हे वह सब कही-कही हम सब जानते ही हे
       बस में ये ही कहना चाहती हु की हमे Mother's day सेलिब्रेट करने की कोय जरुरत नहीं बस हमारी माँ को चाहिए तो हमारा थोड़ा-सा वक़्त पूरे दिन के काम के बाद थकी हुयी माँ को कभी-कभी हम भी तो चाय बनाके पीला ही सकते ना। कभी-कभी उसकी फेवरिट आइसक्रीम की पार्टी भी तो दे ही सकते हे ना हमारी ऐसी छोटी-छोटी बातें भी उसके पूरे दिन की थकावट दूर कर देंग।
       उसके प्यार के सामने ये सारी चीजे तो बहुत ही छोटी हे लेकिन थोड़ी सी ही सही हम उतनी ख़ुशी तो उसे दे ही सकते हे।
अंत में बस इतना ही कहना चाहूंगी
             "माँ तू तो हे दरिया , 
                    में एक छोटी सी बूँद , 
                           मेरा अस्तित्व कुछ नहीं 
                                  ऐ मेरी माँ तेरे बिन"



 

 

 

 


Comments

Sa1 said…
Great Article to read.
Friend said…
Sach me maa jesa duniyame or koy nahi ho sakta.🙏
Anonymous said…
Good article
Anonymous said…
Very best article
Anonymous said…
Superb 👌🏼
Anonymous said…
Heart touching words 🥰
Priyanka Dhaval Barochiya said…
I fill each word because it’s really heart warming 😍😍
Anonymous said…
Nice one

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