Vacation - A Journey of happiness...
आर्यन-मम्मा मेरे सारे दोस्त इस छुट्टी में कहीं ना कहीं घुमने जा रहे हैं और एक आप ही हो जो मुझे कहीं भी नहीं ले कर जा रहे हो।
मम्मी-मुझे पता है बेटा लेकिन तेरे पप्पा काम में बहुत व्यस्त हैं।
आर्यन-सारी दुनिया में पापा एक हैं ही जिसके पास काम कभी ख़तम ही नहीं होता ये बोल कर आर्यन कि आँखोमे आशु आ गए।
ये बात थी आर्यन और उसकी माँ के बिच की।
अभी अभी स्कूल की छुटिया आने वाली हे और आर्यन कहीं पर घुमने जाना चाहता है लेकिन अपने पापा के काम की व्यस्तता की वज़ह से इस साल वो कहीं नहीं जा पाएगा इस वजह से वो थोड़ा-सा दुखी है और क्यों ना हो ? पुरे साल की पढ़ाई और कड़ी मेहनत के बाद उसका भी तो मन करेगा कि कहीं घूमकर आये और थोड़ा सा चेंज थोडा सा रिलेक्स फील करें।
और सिर्फ़ बच्चे ही नहीं बड़े भी तो अपनी लाइफ में कही ना कहि ऐसा फील करते ही हे की अब एक छूटी की ज़रूरत है।
छुट्टियों का सबका अपना-अपना फंडा हे कोई घुमने का शोखिन हे तो कोई नयी-नयी जगह देखना चाहता हे वैसेही किसी को काम से थोडा-सा आराम चाहिए तो कोई अपनी फॅमिली के साथ क्वॉलिटी टाइम स्पेंड करना चाहता है।
लेकिन लेकिन-लेकिन हम में से कई सारे लोग ऐसे भी हे जो अपने काम में से थोड़ा-सा भी वक़्त नहीं निकाल पा रहे हे।
So My Lovely Friends में एक बात आपको बता दू की अगर आप अपनी इस व्यस्त लाइफमे से थोड़ा-सा भी वक़्त नहीं निकाल पा रहे हे तो आप जो भी ये मेहनत कर रहे हो या जितना भी काम कर रहे हो वो किस काम का?
हम मानते हे और जानते भी हे की काम हमारी लाइफ का एक इम्पोर्टेन्ट पार्ट हे फिर चाहे हम हाउस वाइफ हे, कोय बिज़नेसमेन हे या फिर कोय जॉब करते हे लेकिन कई बार ऐसा होता हे की एक रूटीन लाइफ सेट हो जाती हे। हम सुबह से लेके शाम तक एक रोबोटिक लाइफ जी रहे होते है।
ऐसा नहीं हे की आप अपनी काम की प्रति जो जिम्मेदारी हे उसे छोड़ के घूमते फिरते रहे। लेकिन अगर जो काम आप कर रहे हे उसमे कभी भी कही भी ऐसा लगे की अब इस में मज़ा नहीं आ रहा हे तो समज लीजिये की ये वही टाइम हे जहा पर आपको कुछ टाइम के लिए एक ब्रेक की ज़रूरत है।
कई बार ऐसा होता हे की हम अपनी रूटीन लाइफ से थक जाते हे और तब नातो हम काम में ध्यान दे सकते हे और नाही तो किसी और जगह पर तब कही ना कही ये महसूस होता हे की शायद हम कही फस गए है और जब भी ऐसा लगे तो समज लेना मेरे दोस्त की आप को एक छोटे से ब्रेक की ज़रूरत है।
क्योकि ये वो वक़्त हे जो आपको एक अलग ही रिफ्रेशमेंट दे देता हे हमारी बहुत ही वयस्त लाइफ में हमे थोड़े से सूकून के पल दे देता है। शायद ही कोय होगा जिसको घूमने जाना पसंद ना हो या तो फिर उसके बाद वापिस आके वह रिफ्रेशमेंट फील ना हो।
और साइकोलॉजी के अनुसार अगर आप हॉलिडे में जाते हे तो उसकी असर आपकी फिज़िकल हेल्थ और मैंटल हेल्थ दोनों पर पड़ता हे और इसका असर आपके रिलेशन और जॉब पर्फोर्मंस दोनों पर दिखाई देता है।
हा कही ना कही हमे ये भी प्रॉब्लम फेस करना पड़ता हे की अगर हम हॉलिडे पर जायेंगे तो हमारा बजेट बिगड़ जाएगा। लेकिन ऐसा किसी भी किताब में नहीं लिखा की हमे हॉलीडेज में कोय हिलस्टेशन यातो फिर आउट ऑफ कंट्री ही जाना होगा। हमारे आस पास ऐसी कई सारि जगह होंगी जहा जाने पर नाही तो आपका बजेट बिगड़ेगा और नाही तो आप को ऐसा लगेगा की आपका वक़्त बर्बाद हो गया .
और छुटियो के दिनों में तो ऐसे कही सारे ऑफर्स भी चल रहे होते हे जो आपके ही बजट में आपको एक अच्छा खासा पैकेज बना के दे तो आप उनका भी लाभ ले सकते है।
सो किस बात का इंतज़ार हे मेरे दोस्त बैठ जाओ पेन और पेपर लेके और बनाने लगो प्लान के कौन सी जगह आपके बजेट में हे और आपको एक छोटा सा लेकिन बहुत ही खूबसूरत सा चेंज भी देदेगी ।
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